Friday, 18 May 2018

हरकीरत कौर चाहल का नावल "थोहरां दे फुल" का विमोचन

यह नावल पंजाब में महिला की दुखद स्थिति का दस्तावेज़
लुधियाना: 18 मई 2018: (साहित्य स्क्रीन टीम):: 
पीएयू के स्टूडेंटस होम में आज साहित्यिक माहौल बना रहा। पंजाबी साहित्यकारा हरकीरत कौर चाहल की पुस्तक के विमोचन को लेकर उत्साह का माहौल था। यह नावल "थोहरां  दे फुल" अर्थात काँटों के फूल हरकीरत कौर चाहल की तीसरी पुस्तक है। इस अवसर पर बहुत से गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। 
एनआरआई लेखिका हरकीरत कौर चाहल का नया नावल पीएयू में लोकार्पण किया गया। पीएयू साहित्य सभा और पंजाबी साहित्य अकादमी की ओर से आयोजित समागम के प्रधानगी मंडल में गुरु अंगद देव वेटनरी यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. अमरजीत सिंह नंदा, गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी डॉ. एसपी सिंह, पंजाबी भवन सरी के संचालक सुक्खी बाठ, अकादमी के प्रधान प्रो. रविंदर सिंह भट्ठल, विख्यात लेखक बलदेव सिंह सड़कनामा, पंजाबी यूनिवर्सिटी जर्नलिज्म डिपार्टमेंट के डीन डॉ. हरजिंदर सिंह वालिया, पंजाबी कवि अमर सूफी और हरकीरत चाहल शामिल रहे। प्रो. गुरभजन गिल ने आए मेहमानों और लेखकों का स्वागत किया। 
रविंदर भट्ठल ने चाहल की रचनात्मक रुचि की सराहना की। वीसी डॉ. नंदा ने चाहल परिवार से यू्निवर्सिटी के पुराने रिश्तों की याद दिलाई। इस मौके पर गुरप्रीत सिंह तूर, गुरमीत कडिय़ालवी, सतीश गुलाटी, जगतार संघेड़ा, प्रितपाल कौर चाहल, डॉ. गुलजार सिंह पंधेर, सहजप्रीत सिंह मांगट, गुरचरन कौर कोचर, हरलीन सोना, डॉ. फकीर चंद शुक्ला, सुल्ताना बेगम, रमनदीप विर्क, पवित्तर कौर माटी और डॉ. जगतार धीमान भी मौजूद रहे। जानेमाने लेखकों ने इस पुस्तक पर अपना अपना नज़रिया भी प्रस्तुत किया। 
ट्रक ड्राईवरी के कड़वे अनुभवों को "सड़कनामा" शीर्षक से संजो कर रखने वाले जानेमाने लेखक बलदेव सिंह ने कहा कि रिलीज़ किया गया नावल वास्तव में यह नावल प्रवासी नावलकरिता का नया अध्याय है। इसी तरह पत्रकारिता और लेखन-दोनों पर अपनी पकड़ रखने वाले प्रोफेसर हरजिंदर सिंह वालिया ने कहा की यह नावल पंजाब में महिला की दुखद स्थिति का दस्तावेज़ है।