Thursday 8 June 2023

प्रेम पर सुमिता कुमारी की एक गहरी रचना //प्रेम//सुमिता

प्रेम की अंतरंगता से परिचित करवाती सुमिता कुमारी की काव्य रचना 


मोहाली: 7 जून 2023: (कार्तिका सिंह//साहित्य स्क्रीन डेस्क)::

आज के युग में प्रेम के नाम पर जो जो कुछ हो रहा है उसे देखते हुए लज्जा सी महसूस होने  लगती है। ऐसे माहौल में ऐसे सात्विक प्रेम की बात करना जिसमें देह और अंतरात्मा के रिश्तों का भान होने लगे तो एक चमत्कार सा लगता है लेकिन सुमिता जी की कविता "प्रेम" में आपको यह सब महसूस होगा। <यह कविता आपको उस लोक में ले जाएगी जिसे सच्चे प्रेम का लोक कहा जा सकेगा। इस तरह के चमत्कार ही शायद इस समाज और दुनिया को बचा सकें। भगवन तक पहुँचाने की क्षमता रखने वाला प्रेम आजकल कितना बौना हो कर रह गया है! कयूं अलौकिक से हो गए हैं सच्चे प्रेम के किस्से? मैडम सुमिता जी पर एक पोस्ट आप हिंदी स्क्रीन में भी यहां क्लिक कर के पढ़ सकते हैं। 

 प्रेम//सुमिता


आसान नहीं था  

उसे जिंदगी में वापस खींच लाना

सब कुछ देकर ही तो उसने यह जिंदगी चुनी थी

वह हंसता-गाता और रोता भी था

लेकिन खुद को समभाव ही दिखाया सबको

मानवीय भावनाएं उसे साबित कर सकती थी सांसारिक

उसने कभी वादा किया था 

कि उसे सौंप देगा अपने जीवन का बसन्त

और पतझड़ में बिखरते हुए भी

उसने किसी सावन में भीगना नहीं चुना

उसे जिंदगी से मोह बस इतना था 

कि जिंदगी किसी की अमानत है

और देह से अपनापन इतना ही 

कि देह ने बसा रखी है किसी और की आत्मा

जिसका त्याग उसकी हत्या के बराबर है

उसे देखकर महसूस होता 

कि विरक्त-सा यह आदमी

लड़ रहा है युद्ध 

स्वयं के विरुद्ध

अपनी काया में जी रहा है अनागत अस्तित्व

जो कभी उसके जीवन का हिस्सा न बन सका


वह आंखें कितनी अनमोल होंगी 

उसकी बातें कितनी मर्मस्पर्शी

जिसमें डूबकर 

कोई सारी उम्र पार नहीं उतरना चाहता

भूल जाना चाहता है दुनियां

लेकिन उसे नहीं भूलना चाहता

उसके जाते

दुनियां में प्रेम करने लायक कुछ नहीं रहा


यह किसका भाग्य है किसका दुर्भाग्य

कितना उचित है कितना अनुचित

बहस का मुद्दा हो सकता है

मगर आधुनिकता के दौर में 

ऐसी आत्माओं ने ही बचा रखी है

प्रेम की आत्मा...

सुमिता (27-01-23)

आपको यह पोस्ट कैसी लगी अवश्य बताएं। आपके विचारों की इंतज़ार बनी रहेगी। 

                                                                                 प्रस्तुति:कार्तिका कल्याणी सिंह (हिंदी स्क्रीन डेस्क)