Received on Saturday 4th October 2025 at 15:54 Regarding International Day of Older Persons
40 बरसों से भी अधिक समय से कर रहे हैं निरंतर साहित्य साधना
आजकल शोरशराबे और दिखावे का बहूत चलन है। इस चलन का सिलसिला बहुत ही बढ़ा हुआ होने के बावजूद कुछ लोग ऐसे हैं भी जो एक तरह से मौन रहते हुए अपना काम करते रहते हैं। बहुत ही ख़ामोशी और निरंतरता से केवल साहित्य साधना का काम। इन्हीं सज्जन मित्रों में से एक हैं मनोज प्रीत। हमारे वक्तों के जानमाने साहित्य साधक। जब यहां लुधियाना में उनका सम्मान हुआ तो हम सभी के लिए प्रसन्नता की बात थी। इस मौके पर पदम श्री रजनी वेक्टर और हिमाचल विश्वविद्यालय के कुलपति पदम श्री डॉ हर महेंद्र सिंह बेदी भी उपस्थित रहे।
वरिष्ठ नागरिक केयर संस्थान द्वारा विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस पर मनोज प्रीत को सम्मानित किया गया तो मनोज प्रीत जी के बहुत से कार्य भी याद आने लगे। संस्थान के प्रधान श्री यशपाल बंगिया ने बताया की मनोज प्रीत की साहित्यिक सेवाओं को देखते हुए इन्हें पदम श्री रजनी वेक्टर अथवा हिमाचल विश्वविद्यालय के कुलपति पदम श्री डॉक्टर हर महेंद्र सिंह बेदी द्वारा सम्मानित किया गया। उन्होंने बताया की मनोज प्रीत पिछले चार दशक से हिंदी साहित्य में उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं आता है उनकी सेवाओं को देखते हुए हमें सम्मानित करते प्रसन्नता हो रही है वरिष्ठ नागरिक होने के नाते उनसे साहित्य के प्रति और भी सृजनात्मक आशाएं की जा सकती है।
उनका आशीर्वाद और सक्रिय सहयोग नए वर्ग को भी अपना मार्गदर्शन और सहयोग देते हुए भविष्य के लिए एक नया वर्ग भी तैयार कर रहा है जिस में मनोज प्रीत जी की तरह ही सहजता, निरंतरता और मेहनत के साथ साथ सभी के लिए मैत्री भाव भी होगा। इस युवा वर्ग के लोग भी उनके काफिले में अक्सर शामिल रहते हैं। जल्द ही हम इनकी सेवाओं को देखते हुए उन पर विशेष पोस्ट भी प्रस्तुत करेंगे।