Monday, 12 November 2018

काव्य रचना//बुतपरस्ती//मंजुल भारद्वाज

October 30 at 10:07 AM
अम्बेडकर का बुत बना--सरकारों ने संविधान रौंद डाला
गांधी के सत और सत्व को 
कांग्रेस ने बुत बना डाला

अम्बेडकर का बुत बना 
सरकारों ने संविधान रौंद डाला

अखंडता के पाखंडी संघी 
देश को करते रहे लहूलुहान
घृणा,नफ़रत के सौदागर ने
3000 करोड़ में 600 फीट का 
चीन के साथ मिलकर 
सरदार का बुत बना डाला

स्वतन्त्रता के सिपाहियों की 
भयावह त्रासदी है यह 
बुतपरस्त देश ने 
उनके आदर्शों को 
मटियामेट कर डाला!

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